Relive the Era of Timeless Romance
90's Waala Pyar एक ऐसा उपन्यास है जो पाठकों को 90 के दशक की खूबसूरत यादों और सरल जीवनशैली में डूबा देता है। इस किताब में उस दौर के मासूम रिश्तों, गहरी भावनाओं और अनमोल पलों को बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। शरद त्रिपाठी द्वारा लिखित यह हिंदी उपन्यास प्रेम, दोस्ती और जीवन के छोटे-छोटे पलों की खूबसूरती को बयां करता है।
यह कहानी न केवल प्रेम और दोस्ती की सादगी को उजागर करती है, बल्कि 90 के दशक के उन अनमोल पलों को फिर से जीने का मौका देती है जब जीवन कम जटिल और रिश्ते अधिक सच्चे हुआ करते थे। हर पन्ना आपको अपने बचपन और किशोरावस्था की यादों में वापस ले जाएगा।
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Enjoy the perfect balance of crunch and flavor, a true taste of home that you can trust.
We’re proud to promote the cooking talent of Mrs. K. Dhana Laxmi, a South Indian hailing from Andhra Pradesh and now residing in Delhi. She brings her passion for traditional recipes and family values to every batch of her delicious Masala Boondi as well as other flavorful snacks.
Prepared with love, care, and the finest ingredients, this snack is free from preservatives, palm oil, and maida, ensuring a healthy, wholesome option for your family. Mrs. Laxmi’s Masala Boondi and snacks items are an authentic taste of home.
This section of our website is not just about profit—it's more about celebrating and appreciating. We believe their part, should be supported, valued and cherished.
About - Vrinda Market
Launched in 2024 with the blessings of Shri Radhe Krishna, Vrinda Market draws its name from Vrinda, meaning the sacred Tulsi plant. We are not just your go-to online destination, but a platform dedicated to more than just selling products – we provide a space where talents of all kinds can be showcased, appreciated, and celebrated.
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"Token of Divine Grace of Shri Krishna"
"We delightfully gift a Morpankh (Peacock feather) with every order. Cherished by Shri Lord Krishna, the Morpankh is believed to bring blessings of good luck, health, wealth, prosperity, and longevity."
Let customers speak for us
from 15 reviewsकथानक,लेखक और पाठक में साझा तत्त्व अपना शहर (पटना) होने के कारण जब इस किताब को खरीदने के लिए ऑनलाइन माध्यमों तक पहुंचा तो किताब को सबसे कम मूल्य पर उपलब्ध करा रहा प्लेटफॉर्म vrinda market अपना पटनहिया निकला।किताब की पैकिंग के ऊपर चिपकाए गए मोरपंख ने ऐसी अनुभूति दी कि जैसे ये किताब खरीदी न गई हो बल्कि किसी संवेदनशील किताबप्रेमी ने उपहार में दी हो।
कहानी संग्रह के शीर्षक में पटना नाम का आकर्षण था या इसकी नाट्य प्रस्तुति को न देख पाने के अफसोस से उपजी उत्सुकता पता नहीं,किताब आज ही मिली और आज ही पढ़ ली गई।
निहाल ने सभी कहानियों में उस भाव बोध को बनाए रखा है जिस क्षण इन्हें महसूस किया गया होगा।स्मृतियों की यात्रा में निहाल के पात्र अनगढ़ हैं,वे वैसे ही अभिव्यक्त किए गए हैं जैसी उनकी संवेदना थी।कहानीकार ने न तो अपनी बौद्धिकता थापी है न अपने बहुआयामी व्यक्तित्व का भौकाल बनाया है। सामान्य बोलचाल की भाषा में किरदारों का मनोविज्ञान कहानी की शक्ल में हमसे रूबरू होता है और हमें अपनी मासूम अभिव्यक्तियों,अनायास किए तार्किक अतार्किक प्रतिक्रिया की याद कराता हुआ विस्मित,विचलित कर देता है।
निहाल अपनी कहानियों में किशोर मन के उन सभी सामान्य भावों को टटोलते हैं जिनसे हर किशोर ख़ुद ही बात करता है।निहाल के किरदार बगैर किसी अतिरेक के कथा को विस्तार देते हुए स्थिति का स्वाभाविक चित्रण करते हैं।
हर किसी का कोई न कोई सुपरहीरो होता है और हर कोई किसी न किसी का सुपरहीरो हो सकता है।
इस कहानी संग्रह को पढ़ते हुए आप अपने स्कूल जीवन के माहौल में अनायास प्रवेश कर बैठते हैं जहां सब कुछ याद आने लगेगा जो मन के कोने में विस्मृत हो चुका था।वो याद आता बचपन और उसके सहारे बाल मन सी लौटती संवेदना आपको वर्तमान में जागरूक बना देगी।किशोर मन के उमड़ते स्वप्न,अपराध कही समझी जाने वाली सामान्य क्रियाएं आपको स्मृति यात्रा से लौटने के उपरांत सुखद अनुभूति देंगी।
रश्क कहानी क्रिकेट कमेंट्री की तरह हो गई है पर शायद किशोर मन के क्रिकेट प्रेम के कारण ये स्वीकार्य बन पड़ा हो।इस कहानी का क्लाइमैक्स इसकी विशेषता है।
एक भूली हुई प्रेम कहानी इस कहानी संग्रह में मेरी पसंदीदा है।हमारा सारा आपसी संवाद ही इंटरेस्टिंग कहानियों पर आधारित है।
सभी कहानियों का किशोर मन पटनहिया होने के बोध से लबरेज है।वो विशिष्ट अनुभव करता है पटना से अपने जुड़ाव पर।
जिन्हें अतीत की स्वीकारोक्ति से परहेज न हो और जिनके व्यक्तित्व में अपने शहर की छाप,याद हो उन्हें ये किताब पढ़नी चाहिए।
और हो जिनका शहर पटना उन्हें तो ज़रूर पढ़नी चाहिए।
Thanks NIHAL PARASHAR एंड Vrinda Market
हममें जो कॉमन है
वो है अपना पटना
It’s very Good, dark nd smudge free. I m very happy with this product. Thank u Vrinda Market🤗
पहला नशा पहला खुमार
नया प्यार है नया इंतज़ार
किसी भी दौर/काल खंड को हम सबसे पहले उस समय के उपभोक्ता वस्तुओं के प्रकार से याद करते/पहचानते हैं।मसलन VCR,VCP,Dish,Internet TV,माइक,डेक,लैंडलाइन,मोबाइल, वाई फाई,चेलपार्क,रेनॉल्ड्स,पार्कर,थ्रिल,रसवंती, थम्सअप, अफ़गान,मोती,लाइफबॉय,एंबेसडर, फिएट,मारुति,लैंब्रेटा,वेस्पा,बजाज आदि।यादों की लिस्ट सम्मोहक होती है। आंखें बंद करो तो उस दौर के टीवी विज्ञापनों के गीतों की श्रृंखला कंठस्थ हो मन को पुनः आच्छादित कर लेती है।बच्चे,किशोर किसी दौर को यूं स्वप्निल हो याद करते हैं तो उस दौर के अभिभावक चीजों के दाम और क्वालिटी से अपने दौर को रेखांकित करते हैं।राजनीति,फिल्म,खेल सबकी उपलब्धियां अपने दौर को जी रहे आम आदमी से कनेक्ट होती हैं।
इन सभी बातों की खुश्बू लिए कहानी संग्रह "90's वाला प्यार" में जो सबसे खास है वो है तत्कालीन समय के इमोशन्स,एक्सप्रेशंस एंड टैकल/ट्रीटमेंट ऑफ सिचुएशंस। हर दौर के प्यार का एक अपना तेवर होता है।ईमानदारी,दोस्ती,मान सम्मान,विद्रोह का भी।आपके गुण,अवगुण,विशेषता,इमोशन्स,एक्सप्रेशंस तय करने में जेनेटिक जड़ के साथ साथ आपके सामाजिक माहौल की टहनियों का भी योगदान होता है।और इस माहौल की क्रिएटिविटी, ग्रैविटी को प्रभावित करती हैं फिल्में,उनके गाने,लोक संगीत,भजन कीर्तन और साहित्य।अनायास हमारा पहनावा,फैशन सब फिल्मों और टीवी से प्रेरित हो जाता है यहां तक कि शुरुआती संवाद और दोस्ती भी।आत्म बोध/ज्ञान से परिचय के पहले की मासूम और अनगढ़ अभिव्यक्तियों का कोलाज है यह कहानी संग्रह।सारी कहानियों में प्यार अपनी सहजता से प्रकट होकर परिस्थितियों के अनुरूप अपनी नियति को प्राप्त होता है।राइटर ने प्यार की नियति का निर्धारण भी बड़ी सहजता से बिना किसी वाद/वैचारिक प्रतिबद्धता के किया है। प्रत्येक स्टोरी का नैरेटिव विजुअल्स क्रिएट करता है जिस कारण आप कहानी से कनेक्ट रहते हैं।कहानी कॉम्पैक्ट स्क्रिप्ट की तरह है जैसे दो से तीन एपिसोड में ही फिल्माया जाना हो।
पहली कहानी हर टीन एजर/पाठक के लिए डायरी के पन्नों या डाउन मेमोरी लेन से गुजरने जैसा है।यहां शरद ने अगले पेज की घटनाओं का अनुमान पाठक को नहीं लगा पाने की चुनौती सौंपी है और कहानी इसमें सफल रही है।संग्रह की पहली कहानी बताती है कि आपको किसी सुखांत या दुखांत के लिए नहीं बल्कि प्यार का साक्षी होने के लिए इस संग्रह को पढ़ना है।
संग्रह की दूसरी कहानी में शरद कन्फर्म कर देते हैं कि आप उनकी कहानी को ज़रा भी predict नहीं कर सकते और ये बात संग्रह में रुचि जगाती है।"राहुल नाम तो सुना होगा" कहानी 90 के दौर के तकनीकी विकास को बखूबी दर्शाती है और एक सच्चा वाला प्यार करने वाले के व्यक्तित्व विकास को भी।
90 के दौर में प्यार के साथ उर्दू,मुस्लिम,चांद का ज़िक्र न होता तो बात अधूरी रह जाती।"ईद मुबारक" में उस दौर में गूगल का न होना कहानी का निर्णायक बिंदु है।
यह कोई साहित्यिक या वैचारिक कहानियों का संग्रह नहीं है।ऐसी आत्म स्वीकारोक्ति भूमिका में दर्ज कराने वाले शरद की "लोटा परेड" कहानी साहित्य और विचार के सभी मापदंडों पर उत्कृष्ट रचना है।मार्केटिंग रूल्स को परे रख दें तो इस कहानी संग्रह का नाम "लोटा परेड"भी हो सकता था।प्रेम,भावना,आत्म सम्मान,महिला सशक्तिकरण से पगी हुई ये कहानी वर्तमान को मनोनुकूल जीने का अनायास उदाहरण प्रस्तुत करती है।अनिवार्य रूप से पढ़ी जाने योग्य कहानी है ये।
संग्रह की कहानियों में किसी भी हमउम्र लड़की को नायिका समझ उसके प्रेम में सराउंडिंग्स की व्याख्या करते हुए लगभग एकतरफा प्यार में लहालोट होते हुए कथित संयुक्त जिंदगी को जीने का रोचक आख्यान है।कनपुरिया भाषा में monologue, स्वगत शैली के अत्यधिक उपयोग से संग्रह रांझणा फिल्म की बरबस याद दिला जाता है।
"बीमारी"इस संग्रह की उल्लेखनीय कहानी है।अपने विषय वस्तु और वैचारिक ट्रीटमेंट के कारण।शरद अपनी कहानियों का सहज विस्तार करते करते अचानक उनका समापन करते हैं और ये शार्प कर्व कहीं से नहीं खटकता।"बीमारी" में नायिका कहती है "इंडियन गवर्नमेंट ने धारा 377 को डिक्रिमिनलाइज कर दिया है।अब तुम्हारी पहचान,तुम्हारा प्यार कोई अपराध नहीं है।"
अभिभावक की अवस्था में किशोर मन को समझना चाहते हैं,समोसे का सम्मोहन,लैंडलाइन की महिमा,मोहल्ले का अंडरवर्ल्ड,ईमेल पर फीमेल आईडी,शायरी से मोहब्बत ये सारा कुछ याद करना चाहते हैं तो जरूर पढ़े "90's वाला प्यार"।
जेनरेशन गैप समझना चाहते हैं,जानना चाहते हैं इमोशन्स के इतिहास को,पिछली पीढ़ी के टैबू को,बिना दिमाग वाले प्यार को,बिना स्वार्थ के व्यवहार को,टेस्ट क्रिकेट के खुमार को तो 2025 के युवा जरूर पढ़े"90'sवाला प्यार" को।
कनपुरिया स्टाइल में बोले तो अच्छा लिखे हो त्रिपाठी।
Good quality product
Very nice eyeliner
The earrings are received of high quality as shown in the picture.
Better then other boondi…fresh nd extremely delicious 🤤